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प्रश्नों के उत्तर:
(क) महात्मा गाँधी ने पत्र किस जेल से लिखा?
महात्मा गाँधी ने यह पत्र प्रिटोरिया जेल (दक्षिण अफ्रीका) से लिखा।

(ख) प्रस्तुत पत्र में क्या तिथि अंकित है?
पत्र में तिथि 25 मार्च, 1909 अंकित है।

(ग) महात्मा गाँधी ने यह पत्र किसे लिखा?
महात्मा गाँधी ने यह पत्र अपने पुत्र को लिखा।

(घ) महात्मा गाँधी के दो पुत्रों के नाम बताइए।

हरिलाल गाँधी
मणिलाल गाँधी
लिखित अभिव्यक्ति
(क) गाँधीजी को पत्र लिखने से पूर्व किस-किस का ख्याल आया?
गाँधीजी को पत्र लिखने से पूर्व मिस्टर रीच, मिस्टर पॉल और अपने पुत्र का ख्याल आया, लेकिन उन्होंने अपने पुत्र को पत्र लिखना चुना।

(ख) गाँधीजी के अनुसार संसार में कौन-सी तीन बातें महत्वपूर्ण थीं?
गाँधीजी के अनुसार संसार में तीन महत्वपूर्ण बातें हैं:

अपनी आत्मा का सही ज्ञान
अपने आप का सही ज्ञान
ईश्वर का सच्चा ज्ञान


(A) गाँधीजी ने अपने पुत्र को किन-किन विषयों पर ध्यान देने के लिए कहा और क्यों?

महात्मा गाँधी ने अपने पुत्र को निम्नलिखित विषयों पर ध्यान देने के लिए कहा:

  1. कर्तव्य और जिम्मेदारी: गाँधीजी ने अपने पुत्र को यह समझाया कि शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण और कर्तव्य का ज्ञान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी माँ की सेवा और परिवार के अन्य सदस्यों की देखभाल करनी चाहिए, जिससे उनकी शिक्षा अधूरी न रह जाए।
  2. सच्ची शिक्षा: उन्होंने बताया कि सच्ची शिक्षा में आत्मा का ज्ञान, अपने कर्तव्यों का पालन और सत्य तथा अहिंसा का प्रयोग शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि आनंद के साथ काम करना जरूरी है, ताकि शिक्षा का अनुभव स्वाभाविक और वास्तविक हो।
  3. गरीबी की स्वीकार्यता: गाँधीजी ने यह सलाह दी कि गरीबी को अपनाना चाहिए, क्योंकि यह अमीरी की तुलना में अधिक सुखद है। उन्हें अपने परिवार में एक योग्य किसान बनने की इच्छा थी, जिससे वे साधारण जीवन जी सकें।
  4. अक्षर-ज्ञान: उन्होंने गणित और संस्कृत पर विशेष ध्यान देने की बात की, क्योंकि यह विषय भविष्य में उपयोगी होंगे।
  5. प्रार्थना और नियमितता: उन्होंने दैनिक प्रार्थना करने और नियमितता बनाए रखने पर जोर दिया, जिससे जीवन में अनुशासन आ सके।

(B) महात्मा गाँधी ने अपने पुत्र को किसान बनने की सलाह क्यों दी?

महात्मा गाँधी ने अपने पुत्र को किसान बनने की सलाह दी क्योंकि:

  1. सादगी और स्वावलंबन: गाँधीजी का मानना था कि किसान का जीवन साधारण और स्वावलंबी होता है। यह जीवन उन्हें प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ने और अपनी मेहनत के फल का अनुभव कराने में मदद करेगा।
  2. परिवार का पोषण: किसान बनकर वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकेंगे और भूमि के महत्व को समझ सकेंगे। यह उन्हें भूमि के प्रति एक गहरा संबंध विकसित करने का अवसर देगा।
  3. आर्थिक स्थिरता: खेती से जुड़े होने पर वे आर्थिक दृष्टि से भी स्थिर रहेंगे। यह उन्हें जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देगा।
  4. सामाजिक मूल्य: किसान बनकर वे मेहनत और समर्पण के मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकेंगे, जो कि गाँधीजी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थे।

प्रश्नों के उत्तर

  1. (क) √
  2. (ख) √
  3. (ग) √
  4. (घ) ❌
  5. (ङ) √

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

(ख) यह आनंद कृत्रिम भी नहीं होना चाहिए।

(ग) और तुम लोग सवेरे दूध के साथ साबूदाना ले रहे होंगे।

(घ) मेरी इच्छा है कि अपने परिवार में तुम एक योग्य किसान बनो।


4. पत्र लिखने से संबंधित जानकारियाँ

पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है:

  1. प्रारंभिक विवरण: पत्र की तिथि, प्रेषक का पता और प्राप्तकर्ता का नाम।
  2. सम्मोधन: उचित संबोधन का उपयोग, जैसे “प्रिय”, “सादर”, आदि।
  3. मुख्य विषय: स्पष्ट और संक्षिप्त भाषा में मुख्य विचार प्रस्तुत करना।
  4. व्यक्तिगत भावनाएँ: प्रेषक की भावनाओं और विचारों को व्यक्त करना।
  5. संक्षेप में निष्कर्ष: पत्र का समापन सकारात्मक और भावनात्मक तरीके से करना।
  6. अंतिम उपसंहार: उचित विदाई, जैसे “आपका” या “सादर”।

5. शब्दों के विलोम शब्द

(क) आशा – निराशा

(ख) आत्मा – शरीर

(ग) जीवन – मृत्यु

(घ) उदार – कंजूस

(ङ) शिक्षित – अशिक्षित

(च) ज्ञान – अज्ञान


6. शब्दों के पर्यायवाची शब्द

(क) जेल – कारागार

(ख) आयु – उम्र

(ग) किसान – कृषक

(घ) दूध – दुग्ध

(ङ) माँ – माता


7. विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए एवं वाक्य निर्माण

विशेषण:

  • जिम्मेदार
  • सच्चा
  • योग्य
  • नियमित
  • सरल

वाक्य निर्माण:

  1. जिम्मेदार: एक जिम्मेदार व्यक्ति हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करता है।
  2. सच्चा: सच्चा मित्र वही होता है, जो कठिन समय में साथ खड़ा रहे।
  3. योग्य: वह छात्र अपनी मेहनत से एक योग्य डॉक्टर बनेगा।
  4. नियमित: नियमित प्रार्थना करने से मन में शांति बनी रहती है।
  5. सरल: सरल जीवन जीने से हम अधिक संतोष अनुभव करते हैं।



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