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Assignment Of Mother Teresa summary Learning Hindi project No.1 Pdf Download मदर टेरेसा का जीवन सारांश

Assignment मदर टेरेसा का जीवन सारांश

1. मानवता की सेवा

2. दया और प्रेम

3. संघर्ष और आत्मविश्वास

4. सच्चा संतोष

5. छोटी मदद भी बड़ी होती है

6. समाज में बदलाव लाना

7. दूसरों के प्रति सम्मान और सहानुभूति

निष्कर्ष

प्रश्नोत्तर

वाक्य सुधार (Correct the sentences)

सही/गलत की पहचान

क्रियाविशेषण की पहचान

रिक्त स्थान पूर्ति (Fill in the blanks)

संवाद (Discussion)

जीवन कौशल और मूल्यपरक प्रश्न

Assignment मदर टेरेसा का जीवन सारांश

मदर टेरेसा, जिनका बचपन का नाम एग्नेस गोंझा बोझाई था, का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कॉप्जे, मेसेडोनिया (वर्तमान में उत्तर मसेडोनिया) में हुआ था। वे एक महान समाज सुधारक और मानवता की सेवा करने वाली प्रेरणास्त्रोत थीं। उनका जीवन पूरी तरह से गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित था।

मदर टेरेसा का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। उनका परिवार साधारण था, उनके पिता एक व्यवसायी थे और आठ साल की उम्र में ही वे अपने पिता को खो बैठी थीं। इसके बाद उनकी मां ने उनका पालन-पोषण किया। 12 वर्ष की उम्र में ही मदर टेरेसा ने यह ठान लिया था कि वे अपना जीवन मानव सेवा में समर्पित करेंगी। 18 वर्ष की उम्र में वे ‘सिस्टर्स ऑफ लोरेटो’ नामक संस्था में शामिल हो गईं और इसके बाद आयरलैंड गईं जहाँ उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखी।

1929 में, 19 वर्ष की उम्र में मदर टेरेसा भारत आ गईं और कोलकाता के ‘लोरेटो कॉन्वेंट’ में शिक्षा कार्य शुरू किया। यहां उन्हें भारत में फैली गरीबी और दरिद्रता ने प्रभावित किया, और उन्होंने ठान लिया कि वे इन लोगों की सेवा करेंगी। मदर टेरेसा ने कोलकाता की गंदी बस्तियों में जाकर बेसहारा लोगों को भोजन और आश्रय देने का काम शुरू किया।

उन्होंने 1946 में गरीबों और असहायों की सेवा का संकल्प लिया और फिर 1948 में नर्सिंग ट्रेनिंग प्राप्त की। 1950 में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य गरीबों, भूखों, बेघरों, रोगियों और समाज से बहिष्कृत लोगों की सेवा करना था। इस संस्था की शुरुआत 13 लोगों से हुई थी, लेकिन मदर टेरेसा के अथक प्रयासों से यह संस्था 123 देशों में फैल गई और इसमें 4000 से अधिक सदस्य जुड़ गए थे।

मदर टेरेसा को उनकी मानवता की सेवा के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री (1962), भारत रत्न (1980) से सम्मानित किया, जबकि 1979 में उन्हें नोबल शांति पुरस्कार मिला। 1985 में अमेरिका ने उन्हें ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’ दिया। मदर टेरेसा ने अपनी पूरी ज़िंदगी गरीबों और असहायों की सेवा में बिताई।

उनकी सेहत 1983 में गिरनी शुरू हुई, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उन्हें कृत्रिम पेसमेकर लगाया गया और उनकी तबीयत लगातार खराब होती चली गई। 5 सितंबर 1997 को उनका निधन हो गया। उन्हें 2003 में संत घोषित किया गया।

मदर टेरेसा के जीवन से यह संदेश मिलता है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता। उनका जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है कि हम दूसरों की मदद करें और प्रेम और सहानुभूति के साथ अपने कार्यों को करें।

Assignment For क्या सीख मिलती है

मदर टेरेसा के जीवन से हमें कई महत्वपूर्ण बातें और सीख मिलती हैं, जिनसे हम अपने जीवन को और अधिक सार्थक और दूसरों के प्रति सहानुभूति से भरा हुआ बना सकते हैं।

1. मानवता की सेवा

मदर टेरेसा का जीवन यह सिखाता है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, असहायों, बीमारों और दरिद्रों की मदद करने में समर्पित कर दिया। इससे यह संदेश मिलता है कि हमें अपने आसपास के लोगों की मदद करनी चाहिए, खासकर उन लोगों की जो समाज के हाशिए पर हैं।

2. दया और प्रेम

मदर टेरेसा का जीवन यह भी बताता है कि हमें किसी के साथ दया और प्रेम से पेश आना चाहिए। उनके अनुसार, “हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते, लेकिन हम जो भी कार्य करें, उसे प्रेम से करें।” यह हमें यह समझाता है कि किसी के साथ अच्छा व्यवहार और प्यार से की गई मदद ही असली मूल्य रखती है।

3. संघर्ष और आत्मविश्वास

मदर टेरेसा को अपने कार्य शुरू करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उनके पास कोई साधन नहीं था, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि जीवन में मुश्किलें आएं तो भी अगर हमारी नीयत सही हो और हम दिल से काम करें, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

4. सच्चा संतोष

मदर टेरेसा के अनुसार, “अकेलापन सबसे भयानक गरीबी है”। उन्होंने यह सिखाया कि हमें हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए और अकेलेपन को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। समाज में किसी को अकेला महसूस नहीं होने देना चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों को जिनके पास परिवार या कोई सहारा नहीं होता।

5. छोटी मदद भी बड़ी होती है

मदर टेरेसा ने एक बार कहा था, “यदि आप एक सौ लोगों को भोजन नहीं करा सकते, तो कम से कम एक को तो खिलाइए।” इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि चाहे हमारी मदद छोटी हो, वह किसी के लिए बड़ी हो सकती है। एक छोटी सी मदद भी किसी की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है।

6. समाज में बदलाव लाना

मदर टेरेसा ने समाज में बदलाव लाने के लिए जो कार्य किए, वह हमें यह सिखाते हैं कि हम सभी का जिम्मा है समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना। यह हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपनी भूमिका निभानी चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।

7. दूसरों के प्रति सम्मान और सहानुभूति

मदर टेरेसा ने हमें यह भी सिखाया कि हमें दूसरों को सम्मान देना चाहिए, चाहे वे गरीब, बीमार या समाज से बहिष्कृत क्यों न हों। उनकी शिक्षा यह थी कि किसी भी व्यक्ति को न केवल शारीरिक सहायता, बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्थन की भी आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

मदर टेरेसा का जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपनी दुनिया को बेहतर बनाने के लिए अपनी ओर से छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। वे हमें यह सिखाती हैं कि सबसे बड़ी ताकत प्रेम और करुणा में होती है, और यह दुनिया में शांति और खुशहाली लाने का सबसे प्रभावी तरीका है।

प्रश्नोत्तर

(1) मदर टेरेसा का बचपन में क्या नाम था?

  • उनका बचपन का नाम एग्नेस गोंझा बोझाई था।

(2) मदर टेरेसा कोलकाता कब आई?

  • मदर टेरेसा 6 जनवरी 1929 को कोलकाता आईं।

(3) भारत आने के समय मदर टेरेसा की उम्र कितनी थी?

  • भारत आने के समय उनकी उम्र 19 वर्ष थी।

(4) ‘निर्मल हृदय’ संस्था की किसके लिए स्थापना की गई?

  • ‘निर्मल हृदय’ संस्था की स्थापना असाध्य रोगों से पीड़ित गरीबों और बहिष्कृत लोगों की सेवा के लिए की गई थी।

(5) 18 वर्ष की उम्र में मदर टेरेसा किस संस्था में शामिल हुई?

  • 18 वर्ष की उम्र में मदर टेरेसा ‘सिस्टर्स ऑफ लोरेटो’ में शामिल हुईं।

वाक्य सुधार (Correct the sentences)

(1) मदर टेरेसा एक महान समाज सुधारक थीं। (2) मदर टेरेसा 19 वर्ष की उम्र में भारत पहुँची। (3) महिला का अजीब व्यवहार देखकर मदर टेरेसा असमंजस में पड़ गई। (4) मदर टेरेसा अभिभूत होकर बोलीं, “यह देश जहाँ स्वयं भूखे रहकर भी लोग दूसरों की भूख मिटाने का प्रयास करते हैं।” (5) मदर टेरेसा एक ऐसी महान शख्सियत थीं जिन्होंने अपना पूरा जीवन सिर्फ दूसरों के लिए जिया। (6) ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ का आरंभ मात्र 13 लोगों के साथ हुआ था।

सही/गलत की पहचान

(1) मदर टेरेसा भारत में मरते दम तक लोगों की सेवा करती रहीं। (√)
(2) ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ अमीर लोगों का समूह है। (×)
(3) ‘एग्नेस गोंझा बोझाई’ मेसेडोनिया की रहने वाली थी। (√)
(4) मदर टेरेसा नोबल पुरस्कार से सम्मानित थीं। (√)
(5) ‘निर्मल हृदय’ संस्था गरीब लोगों के लिए कार्यरत थी। (√)

क्रियाविशेषण की पहचान

(1) तुम परसों कहाँ गए थे?परसों (क्रियाविशेषण)
(2) राकेश बहुत काम करता है।बहुत (क्रियाविशेषण)
(3) देखो, क्षितिज धीरे-धीरे चल रहा है।धीरे-धीरे (क्रियाविशेषण)
(4) श्याम कल कोलकाता जा रहा है।कल (क्रियाविशेषण)

रिक्त स्थान पूर्ति (Fill in the blanks)

(1) मदर टेरेसा एक महान समाज सुधारक थीं।
(2) मदर टेरेसा 19 वर्ष की उम्र में भारत पहुँची।
(3) महिला का अजीब व्यवहार देखकर मदर टेरेसा असमंजस में पड़ गई।
(4) मदर टेरेसा अभिभूत होकर बोलीं, “यह देश जहाँ स्वयं भूखे रहकर लोग दूसरों की भूख मिटाने का प्रयास करते हैं।”
(5) मदर टेरेसा एक ऐसी महान शख्सियत थीं जिन्होंने अपना पूरा जीवन सिर्फ दूसरों के लिए जिया।
(6) ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ का आरंभ मात्र 13 लोगों के साथ हुआ था।

संवाद (Discussion)

मदर टेरेसा को समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने समाज को सुधारने के लिए किस प्रकार के कार्य किए?

मदर टेरेसा ने समाज सुधार के लिए गरीबों, असहायों, बीमारों और भिखारियों की सेवा की। उन्होंने ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की, जो आज भी दुनियाभर में जरूरतमंदों की मदद करती है। उनके द्वारा किए गए कार्यों में बेघरों के लिए आश्रय, बच्चों के लिए अनाथालय और बीमारों के लिए अस्पताल बनवाना शामिल है। उन्होंने यह भी सिखाया कि समाज में एकता, प्रेम और सहानुभूति जरूरी है।

जीवन कौशल और मूल्यपरक प्रश्न

मदर टेरेसा के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिली? उसे आप अपने जीवन में किस प्रकार अपनाना चाहेंगे?

मुझे मदर टेरेसा के जीवन से यह प्रेरणा मिली कि हमें अपने आस-पास के जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए, भले ही हम खुद भी मुश्किल में हों। उनका जीवन हमें सिखाता है कि किसी की मदद करने के लिए बड़ी संपत्ति या ताकत की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि प्रेम और सहानुभूति से हम किसी का जीवन बदल सकते हैं। मैं अपने जीवन में उनका यह सिद्धांत अपनाऊँगा कि “हम महान कार्य नहीं कर सकते, लेकिन जो भी कार्य करें उसे प्रेम से करें।”

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Class 5 ICSE Hindi मदर टेरेसा: मानवता की सेवा में एक अविस्मरणीय यात्रा प्रेम और दया का प्रतीक Pdf Download

काँटों से राह बनाते हैं class 5 icse Hindi

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